सुनके जोरू की विनती पसीजा, यार चला आ बनाए टापरी। सुनके जोरू की विनती पसीजा, यार चला आ बनाए टापरी।
जिंदगी जिंदगी
जिंदगी को खुलकर जियो । जिंदगी को खुलकर जियो ।
कभी दुनिया जैसे यौवन सी.... कभी अनसुलझी सी सुलझन सी ,,, मुझको तो प्यारी लगती है,,, कभी दुनिया जैसे यौवन सी.... कभी अनसुलझी सी सुलझन सी ,,, मुझको तो प्यारी लगती है,...
तभी तो हिचकी आती है हमें भोजन की थाल पे। तभी तो हिचकी आती है हमें भोजन की थाल पे।